Benefit of aak plant, आयुर्वेदिक औषधि आंकड़ा , आक ( अर्की वैज्ञानिक नाम : Calotropis procera ( Ait . )

आक ( अर्की वैज्ञानिक नाम : Calotropis procera ( Ait . )
आयुर्वेदिक औषधि अर्थ और आंकड़ा
 कुलनाम : Asclepiadaceae 
अंग्रेजी नाम : Madar
संस्कृत : अर्क , तूलफल , क्षीरपर्ण , आस्फोट 
हिन्दी : अकवन , आक , मदार 
गुजराती : आकड़ो मराठी : एक्के , एक्के गिडा 
बंगाली : आकन्द पंजाबी : अक 
तमिल : पेल्लेरूक्कु 
तैलगु : मन्दाराम् अरबी : उषर फारसी : खरक
Benefit of aak plant, आयुर्वेदिक औषधि आंकड़ा , आक ( अर्की वैज्ञानिक नाम : Calotropis procera ( Ait . )
आयुर्वेदिक औषधि आंकड़ा


औषधीयय प्रयोग
 मुँह की झाँई , धब्बे आदि : हल्दी के 3 ग्राम चूर्ण को आक के दुग्ध 5-7 बूंद व गुलाब जल में घोटकर आंखों को बचाकर झाई - युक्त स्थान पर लगायें , इससे लाभ होता है । कोमल प्रकृति वालों को आक की दूध की जगह आक का रस प्रयोग करना चाहिए । 

सिर की खुजलीः इसे सिर पर लगाने से क्लेद , दाह वेदना एवं कँडूयुक्त अरुषिका में लाभ होता है । ' 

कर्णरोगः तेल और लवण से युक्त आक के पत्तों को वैद्य बांये हाथ में लेकर दाहिने हाथ से एक लोहे की कड़छी को गरम कर उसमें डाल दें । फिर इस तरह जो अर्क पत्रों का रस निकले उसे कान में डालने से कान के समस्त रोग दूर होते है । कान में मवाद आना , साँय - साँय की आवाज होना आदि में इससे बहुत लाभ होता है । 

कर्णशूल : 1 . आक के भली प्रकार पीले पड़े पत्तों को थोड़ा सा घी चुपड़कर आग पर रख दें , जब वे झुलसने लगें , चटपट निकाल कर निचोड़ लें । इस रस को थोड़ी गरम अवस्था में ही कान में डालने से तीव्र तथा बहुविधि वेदनायुक्त कर्णशूल शीघ्र नष्ट हो जाता है |
 2 . 1 . में आक के पीले पके बिना छेद वाले पत्तों पर घी लगाकर अग्नि में तपाकर उसका रस कान में 2 बूंद डालने से लाभ होता है । 

आक और नेत्र रोग : अर्क मूल की छाल सूखी 1 ग्राम कूटकर , 20 ग्राम गुलाब जल में 5 मिनट तक रखकर छान लें । बूंद - बूंद आंखों में डालने से ( 3 या 5 बूंद से अधिक न डालें ) नेत्र की लाली , भारीपन , दर्द , कीच की अधिकता और खुजली दूर हो जाती है । 2. अर्कमूल की छाल को जलाकर कोयला कर लें और इसे थोड़े पानी में घिसकर नेत्रों के चारों ओर तथा पलकों पर धीरे - धीरे मलते हुये लेप करे तो लाली , खुजली , पलको की सूजन आदि मिटती है । आंख दुखनी आने पर , यदि बाई आंख हो और उसमें कडक दर्द व वेदना हो तो दाहिने पैर के नाखूनों को , यदि दाई आंख आई हो तो बांये पैर के नाखूनों को आक के दूध से तर कर दे । 
सावधानी : आंख में दूध नही लगना चाहिये , नही तो भयंकर परिणाम होगा । यह एक चमत्कारिक प्रयोग होगा ।