श्रीनाथजी मंदिर में दर्शनों का समय कोरोनाकाल में, Shreenath ji darshan in CORONA time

 आइए आज हम जानेंगे नाथद्वारा के बारे में नाथद्वारा एक प्राचीन स्थान है जोकि उदयपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर राजसमंद जिले में स्थित है यह स्थान श्रीनाथजी के लिए जाना जाता है 

                                                     श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा

कोरोना मैं दर्शनों के लिए 8 पॉइंट पर जाएं|

आइए जानते हैं श्रीनाथ जी की नगरी के बारे में विस्तार से
1.) जी हां दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं नाथद्वारा शहर की यह शहर ऊंची ऊंची घाटियों और पतली पतली गलियों के लिए भी जाना जाता है 
2.) इस शहर के मध्य में श्रीनाथ जी का प्राचीन मंदिर स्थित है श्रीनाथजी के मंदिर के चारों तरफ मंदिर की तरफ से बनाया हुआ मार्केट है 
3.)मार्केट में श्रीनाथजी एवं लालन जी के साज सज्जा एवं वस्त्रों की दुकाने स्थित है 
3. श्रीनाथ जी एवं लालन जी के छवियों की दुकाने भी मंदिर मार्ग एवं चौपाटी पर स्थित है 
4. इसके साथ ही श्रीनाथजी का प्रसाद श्रीनाथजी के मंदिर मैं स्थित दुकानों से प्राप्त किया जा सकता है 
5. मंदिर के तीन द्वार हैं 
         1. मोती महल 
         2.  नककार खाना और 
         3. प्रीतम पोल 
6. श्रीनाथ जी का प्रसाद दर्शन खुलने के समय से वह दर्शन बंद होने के समय तक मोती महल गेट पर स्थित दुकान से मंदिर मंडल द्वारा दिया जाता है जिसके अलग अलग भोग के के अलग अलग शुल्क निर्धारित हैं यह स्थान बंद होने या निर्धारित भोग ना मिलने की स्थिति में अन्य स्थानों - मंदिर मार्ग में स्थित दुकानों पर आसानी से सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक मिलता है 
7. श्रीनाथजी के 1 दिन में 8 दर्शन होते हैं जिनमें 
        1. मंगला 5:00 बजे 
        2. श्रंगार 7:00 बजे 
        3. ग्वाल 9:00 बजे 
        4. राजभोग 11:00 बजे 
        5. उथापान 4:00 बजे 
        6. भोग 5:00 बजे 
        7. आरती 5:30 बजे 
        8. वचन 7:00 बजे सयाना के निर्धारित हैं वह मंदिर मंडल के द्वारा ही निर्धारित किए जाते हैं सभी झांकियां मंदिर मंडल द्वारा ही निर्देशित की जाती है 
8. अभी कोरोना के समय में केवल चार ही झांकियों के दर्शन श्रद्धालुओं को मिलते हैं जिसमें मंगला, राजभोग ,उथापान एवं आरती के दर्शन खुलते हैं एवं दर्शनों के लिए  श्रद्धालुओं को आधार कार्ड की कॉपी व वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट की कॉपी लाना अनिवार्य है| दर्शनों का समय व झांकियों के बदलने या नहीं करा पाने का निर्णय मंदिर मंडल द्वारा ही किया जाता है
मनोरथीयों के लिए अलग से व्यवस्था मंदिर में ही उपलब्ध मिलेगी.